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नवविह। तहिं ॥४॥ हिट्टिमाहिट्टिमा चेव, हिट्टिमामज्झिमा तहा। हिट्टिभाउवरिमा चेव, मज्झिमाहिट्टिमा तहा ॥ ५ ॥ मज्झिमामज्झिमा चेव, मज्झिमावरिमा तहा । उवरिमाहिट्ठिमा चेव, उवरिमामज्झिमा तहा ॥६॥ उवरिमाउवरिमा चेव, इइ गेविजगा सुरा। विजया वैजयंता य, जयंता अप्पराजिया । सव्वट्टसिद्धगा चेव, पंचहाऽणुत्तरा सुरा । इइ वेमाणिया एए, णेगहा एवमायओ ॥८॥ लोगस्स एगदेसंभि, ते सव्वे परिकित्तिया । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउव्विहं ॥१॥ संतई पप्पनाईया, अपज्जवसियाविय। ठिङ्गं पडुच्च साईया, सपज्जवसियाविया ॥१५९० ॥ साहीयं सागरं इक्कं, उक्कोसेण ठिई भवे। भोमिज्जाण जहन्त्रेणं, दसवाससह स्सिया ॥१॥ पलि ओवममेगं तु, उक्कोसेण वियाहियां वंतराणं जहन्त्रेणं, दसवाससहस्सिया ॥२॥ पलिओवममेगं तु, वासलक्खेण साहियां पलिओवभट्ट भागो, जोइसेसु जहन्निया ॥ ३ ॥ दो चेव सागराई, उक्कोसेणं वियाहिया । सोहम्मंमि जहन्नेणं, एगं च पलिओवमं ॥४॥ सागरा साहिया दुन्नि, उक्कोसेण वियाहिया । ईसाणंमि जहन्नेणं, साहियं पलि ओवमं ॥ ५ ॥ सागराणि य सत्तेव, उक्कोसेण ठिई भवे । सणकुमारे जहन्नेणं, दुन्नि ऊ सागरोवमा ॥ ६ ॥ सागरा साहिया सत्त, उक्कोसेण वियाहिया। माहिंदंभि जहन्नेणं, साहिया दुन्नि सागरा ॥७॥ दस चेव सागराई, उक्कोसेण वियाहिया । बंभलोए जहन्नेणं सत्त उ सागरोवमा ॥८ ॥ चउद्दस उ सागराई, उक्कोसेण वियाहिया । लंतगंमि जहन्नेणं, दस उ सागरोवमा ॥९॥ सत्तरस सागराई, उक्कोसेण वियाहिया । महासुक्के जहन्नेणं, चउद्दस सागरोवमा ॥१६०० ॥ अट्ठारस गाराई, उक्कोसेण वियाहिया । सहस्सारे जहन्नेणं, सत्तरस सागरवोमा ॥१॥ सागरा अउणवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । आणयंमि जहन्नेणं, ॥ श्रीउत्तराध्ययनसूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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