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| तिहिकरणंमि पसत्थे नक्खत्ते अहिवइस्स अणुकूले। घेत्तूण निंति वसभा अक्खे सउणे परिक्खंता॥८०॥ वासस्स य आगमणे अवसरणे पहिआ निवत्तंति। ओभावणा पवयणे आयरिआ मग्गओ तम्हा॥१॥ मइल कुचेले अब्भंगिएल्लए साण खुज वड या। एए 3 अप्पसत्था हवंति खित्ताउ निताणं॥२॥ नारी पीवरगब्भा वड्डकुमारी य कट्ठभारो यो कासायवत्थ कुच्चंधरा य कजं | नसाहेति॥३॥चक्कयामि भमाडो भुक्खामारो य पडुरंगमितच्चन्नि रुहिरपडणंबोडियमसिए धुवं मरणं प्र०१४॥जंबू यचासमअरे | भारदाए तहेव नउले यो दसणमेव पसत्थं पयाहिणे सव्वसंपत्ती॥४॥ नंदी तूरं पुण्णस्स दंसणं संखण्डहसहो या भिंगारछत्तचामर ध्यप्पडागा पसत्थाई॥५॥ समणं संजयं दंतं, सुमणं मोयगा दहि। मीणं घंटे पडागं च, सिद्धमत्थं विआगरे॥६॥ सेजातरेऽणुभासइ आयरिओ सेसा चिलिमिलीए। अंतो गिण्हन्तवहिं सारविअ पडिस्सया पुट्वि॥७॥ बालाई उवगरणं जावइयं तरति तत्तियं गिण्हे। जहणेण जहाजायं सेसं तरुणा विरिचिंति॥८॥ आयरिओवहि बालाइयाण गिण्हंति संघयणजुत्ता। दो सोत्ति उण्णिसंथारए य गहणेकपासेणं॥९॥आउज्जोवण वणिए अगणि कुडुंबी कुकम्म कम्मरिए। तेणे मालागारे उब्भामग पंथिए जंते॥१०॥भा०संगार बीय वसही तइए सण्णी चउत्थ साहम्मी। पंचमगंमि य वसही छठे ठाणहिओ होति॥१७७॥ दाराआओसे संगारो अमुई वेलाए निग्गए ठाण। अभुगत्थ वसहि भिक्खं बीओ खग्गूड संगारो॥९१॥भा०॥रतिं न चेव कप्पइ नीयदुवारे विराहणा दुविहा। पण्णवणे बहुयरगुणे अणिच्छ बीओ व उवही वा॥२॥ सुवणे वीसुवधातो पडिबझंतो य जो 3 न मिलेजा। जग्गण अपडिबझण जइवि ॥श्री ओघनियुक्तिसूत्र]
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पू. सागरजी म. संशोधित
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