________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir
रायकिच्चाणि य रायनीतीओ य रायववहारा य ताई जियसत्तुणा सद्धि सयमेव पच्चुवेक्खमाणे विहराहित्तिकटु विसजिए, तए णं से चित्ते सारही पएसिया रण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्ठ जाव पडिसुणेति तं महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ पएसिस्स रण्णो जाव पडिणिक्खमइ त्ता सेयवियं नगरि मझूमझेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छति त्ता तं महत्थं जाव पाहुडं ठवेइ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ त्ता एवं ३०-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सच्छत्तं जाव चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव पच्चप्पिणह, तए णं ते कोडुंबियपुरिसा तहेव पडिसुणित्ता खियामेव सच्छत्तं जाव जुद्धसज चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवटुवेन्ति तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति, तए णं से चित्ते सारही कोडुबियपुरिसाणं अंतिए एयमढे जाव हियए बहाए कयबलिकम्मे क्यकोऽयमंगलपायच्छित्ते सनद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणिद्धगेविजे बद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टे गहियाउहपरणे तं महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ त्ता जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ त्ता चाउग्घंटं आसरहं दुरूहेति बहूहिं पुरेसिहिं सत्रद्ध जाव गहियाउहपहरणेहिं सद्धिं संपरिवुडे सकोरिटमलदामेणं छत्तेणं घरेज्जमाणेणं महया भडच्डगररहपहकरविंदपरिक्खित्ते साओ गिहाओ णिग्गच्छइ सेयवियं नगरि मझमझेणं णिग्गच्छइ त्ता सुहेहिं वासेहिं पायरासेहिं नाइविकि?हिं अंतर वासेहिं वसमाणे केइयअद्धस्स जणवयस्स मझमझेणं जेणेव कुणालाजणवए जेणेव सावत्थी नयरी तेणेव उवागच्छति त्ता सावत्थीए नयरीए मझमझेणं अणुपविसइ जेणेव जियसत्तुस्स रण्णो गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ त्ता तुरए निगिण्हइ त्ता रहं ठवेति त्ता रहाओ पच्चोरुहइ ॥ श्री राजप्रश्रीयोपांगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private and Personal Use Only