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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandie नाम देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया धारिणीवण्णओपएसिणास्त्रा सद्धिं अणुरत्ता अविरत्ता इट्टे सद्दे रूवे जाव विहरइ ४९। तस्स णंपएसिस्सरण्णोजेटे पुत्ते सूरियकंताए देवीए अत्तए सूरियकंते नाम कुमारे होत्था सुकुमालपाणिपाए जावपडिरूवे,सेणंसूरियकते कुमारे जुवराया यावि होत्था, पएसिस्स स्त्रो रजं च रटुं च बलं च वाहणं च कोसं च कोडागारं च पुरं च अंतेउरं च जणवयं च सयमेव पच्चुवेक्खमाणे विहरइ ५० तस्सणंपएसिस्स स्त्रो जेटे भाउयवयंसए चित्ते णाम सारही होत्था अड्ढे जाव बहुजणस्स अपरिभूए सामदंडभेयउवप्पयाणअत्थसत्थईहामइविसारए उम्पत्तियाए वेणइयाए कम्मयाए पारिणामियाए चविहाए बुद्धीए उववेए पएसिस्स रण्णो बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य कुटुंबेसु य मंतेसु य गुझेसु य रहस्सेसु य ववहारेसु य निच्छएसु य आपुच्छणिजे भेढी पमाणं आहारे आलंबणं चक्खू मेढिभूए पमाणभूए आहारभूए आलंबणभूए सव्वट्ठाणसव्वभूमियासु लद्धपच्चए विदिण्णविचारे रज्जधुराचिंतए आवि होत्था ५१॥ तेणं कालेणं० कुणाला नाम जणवए होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धे, तत्थ् णं कुणालाए जणवए सावत्थी नाम नयरी होत्था रिद्धस्थिभियसमिद्धा जाव पडिरूवा, तीसे णं सावत्थीए णगरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए कोटुए नामंचेइए होत्था पोराणे जाव पासादीए, तत्थ णंसावत्थीए नयरीए पएसिस्सरत्रो अंतेवासी जियसत्तू नामंराया होत्था महयाहिमवंत जाव विहरइ, तए णं से पएसी राया अन्या क्याई महत्थं महग्धं महरिहं विउलं रायारिहं पाहुडं सज्जावेइ त्ता चित्तं सारहिं सदावेइ त्ता एवं व०-गच्छ णं चित्ता! तुझं सावत्थिं नगरि जियसत्तुस्स रण्णो इमं महत्थं जाव पाहुडं उवणेहि जाई तत्थ रायकज्जाणि य ॥ श्री राजप्रश्रीयोपांगम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private and Personal Use Only
SR No.021015
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages121
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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