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www.kobatirth.org बंधइ सिय नो बंधड़ अस्सायावेयणिजचणं कम्मं भुजो भुजो उवचिणाइ अगाइयं च णं अणवदगंदीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारा |अणुपरियट्टइ, से एएणद्वेणं गोयमा ! असंवुडे अणगारे णो सिझइ ५, संवुडे गं भंते! अणगारे सिम्झइ ५?, हंता सिज्झइ जाव अंतं
करेइ,सेकेणटेण०?, गोयमा! संवुडे अणगारे आउयवजाओ सत्त कम्मपगडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलबंधणबद्धाओ परेइ दीहकालठिइयाओ हस्सकालद्विइयाओ परेइ तिव्वाणुभावाओ मंदाणुभावाओ पकरेइ बहुप्यएसम्गाओ अध्यपएसम्गाओ पकरेइ आउयं चणं कम न बंधइ अस्सायावेयणिजं च णं कम्मं नो भुजो भुज्जो उवचिणाइ अगाइयं च णं अणवदगंदीहमद्धं चाउरंतसंसारकंतारं वीइवयइ, से एएणद्वेणं गोयमा! एवं वुच्चइ संवुडे अणगारे सिझइ जाव अंतं करेइ । १९ । जीवे णं भंते ! अस्संजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे इओचए पेच्चा देवे सिया?, गोयमा! अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए नो देवेसिया सेकेण्डेणं जाव इओ चुए पेच्चा अत्थेगइए देवे सिया अत्थेगइए नो देवे सिया?, गोयमा! जे इमे जीवा गामागरनगरनिगभरायहाणिखेक|ब्बडमडंबदोमुहपट्टणासमसन्निवेसेसु अकामतहाए अकामछुहाए अकामबंभचेश्वासेणं अकामसीतातवदंसमसगअण्हागसेय
जल्लमलपंकपरिदाहेणं अव्यतरं वा भुजतरं वा कालं अय्याणं परिकिलेसंति कालमासे कालं किच्चा अन्नयोसु वाणमंतरेसु देवलोगेसु|| देवत्ताए उववत्तारो भवंति, केरिसा णं भंते! तेसिं वाणमंतराणं देवाणं देवलोगा पं०?, गोयमा ! से जहानामाए इह भणुस्सलोगमि असोगवणेइ वा सत्तवनवणेइ वा चंपयवणेइ वा चूयवणेइ वा तिलगवणेइ वा लाउयवणेइ वा निगोहवणेइ वा छत्तोववणेइ वा ॥ ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ |
1. सागरजी म. संशोधित
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