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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir उत्तरदाहिणेणं दो वासा बहु० जाव भरहे चेव एरवा चेव जाव छव्विहंपिकालं पच्च्णु भवमाणा विहरंति भरहे चेव एरवए चेवणवरं|| कूडसामली चेव महाधायतीरुखे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे पियदंसणे चेव, धाइयसंडे णं दीवे दो भहाई दो एरवयाइं दो हेमवयाई दो हेरन्नवयाई दो हरिवासाइं दो रम्भगवासाइं दो पुव्वविदहाई दो अवरविदेहाई दो देवकुराओ दो देवकुरुमहदुमा दो| देवकुरुमहदुमवासी देवा दो उत्तरकुराओ दो उत्तरकुरुमहद्दुमा दो उत्तरकुरुमहदुमवासी देवा दो चुल्लहिमवंता दो महाहिमवंता दो निसहा दो नीलवंता दो रुप्पी दो सिहरी दो सदावाती दो सदावातबासी साती देवा दो वियडावाती दो वियडावातिवासी पभासा देवा दो गंधावाती दो गंधावातिवासी अरुणा देवा दो मालवंतपरियागा दो मालवंतपरियागावासी पउमा देवा दो मालवंता दो चित्तकूडा दो पउमकूडा दो नलिणकूडा दो एगसेला दो तिकूडा दो वेसमणकूडा दो अंजा दो मातंजणा दो सोमणा दो विजुप्पभा दो अंकावती दो पहावती दो आसीविसा दो सुहावहा दो चंदपव्वता दो सूरपव्वता दो णागपव्वता दो देवपव्वया दो गंधमायणा दो उसुगारपव्वया दो चुल्लहिमवंतकूडा दो वेसमणकूडा दो महाहिमवंतकूडा दो वेरुलियकूडा दो निसहकूडा दो रुयगकूडा दो नीलवंतकूडा दो|| उवदंसणकूडा दो रुप्पिकूडा दो मणिकंचणकूडा दो सिहरिकूडा दो तिगिच्छिकूडा दो पउमदहा दो एउमद्दहवासिणीओ सिरिदेवीओ दो महापउमदहा दो महापउमदहवासिणीओ हिरीतो देवीओ एवं जाव दो पुंडरीयहह। पोंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीदेवीओ, दो गंगापवायदहा जावदोरत्तबतिपवातदहा दोरोहियाओ जावदोरुप्पकूलातो दो गाहवतीओ दो दहवतीओ दो पंकवतीओ (वेगवतीओ | ॥श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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