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________________ Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir | सहिया दो असासणा दो कज्जोवगा कब्बडगा दो अयकरगा दो दुंदुभगा दो संखा दो संखवन्ना २० दो संखव नाभा दो कंसा दो कंसवन्ना दो कंसवन्नाभा दो रुथ्पी दो रुप्पाभासा दो णीला दो णीलोभासा दो भासा दो भासरासी ३० दो तिला दो तिलपुष्पवण्णा दो दगा दो दगपंचवन्ना दो काका दो कक्कंधा दो इंदग्गी दो धूमकेऊ दो हरी दो पिंगला ४० दो बुद्धा दो सुक्का दो बहस्सती दो राहू दो अगत्थी दो माणवगा दो कासा दो फासा दो धुरा दो पमुहा ५० दो विषा दो विसंधी दो नियला दो पइल्ला दो जडियाइलगा दो अरुणा दो अग्गिल्ला दो काला दो महाकालगा दो सोत्थिया ६० दो सोवत्थिया दो वद्धमाणगा (दो पूसमाणगा दो अंकुसा) दो | पलंबा दो निच्चालोगा दो णिच्चुज्जोता दो सयंप्रभा दो ओभासा दो सेयंकरा दो खेमंकरा दो आभंकरा ७० दो पभंकरा दो अपराजिता दो अरया दो असोगा दो विगतसोगा दो विमला दो वितत्ता दो वितत्था दो विसाला दो साला ८० दो सुव्वता दो अणियट्टा दो एगजडी दो दुजडी दो करकरिगा दो रायग्गला दो पुष्ककेतू दो भावकेऊ ८८ ।९० । जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स वेइआ दो गाउयाई उद्धंउच्चतेणं पन्नता, लवणे णं समुद्दे दो जोयणस्यसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पन्नत्ते । लवणस्स णं समुदस्स वेतिया दो गाउयाइ उद्धंउच्चत्तेणं |पन्नता ।९१ । धायइसंडे दीवे पुरच्छिमद्धेणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं दो वासा बहुसमतुल्ला जाव भरहे चेव एरवए चेव, एवं जहा जंबुद्दीवे तहा एत्थवि भाणियव्वं जाव दोसु वासेसु मणुया छव्विहंपि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तं०-भरहे चेव एरवते चेव, । णुवरं कूडसामली चेव धायइरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे सुदंसणे चेव, धाततीसंडदीवपच्चच्छिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्यस्स पू. सागरजी म. संशोधित ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्रं ॥ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २२ For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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