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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir वासेसुमणुया सया सुसम (प्र०दुस) मुत्तममिड्ढि पत्ता पच्च्णुब्भवमाा विहरंति तं०-हेमवए चेव एरन्नवए चेव १६, जंबुद्दीवे दीवे|| दोसुखित्तेसुमणुया सया दूसमसुसमभुत्तममिड्ढि पत्ता पच्च्णुब्भवभाणा विहरंति, तं०-पुव्वविदेहे चेव अवरविदेहे चेव १७, जंबूदीवे|| दीवे दोसु वासेसु मणुया छव्विहंपिकालं पच्चणुब्भवभाणा विहरंति, तं०-भरहे चेव एरवते चेव १८ १८९ । जंबुद्दीवे दीवे दो चंदा|| पभासिंसुवा पभासंति वा पभासिस्संतिवा, दो सूरिआ तविंसुवा तवंतिवातविस्संति वा, दो कत्तिया, दो रोहिणीओ, दो मम्गसिराओ, दो अदाओ, एवं भाणियव्वं, “कत्तिय (१) रोहिणि (२)मगसिर (३) अद्दा (४)य पुणव्वसू (५) अपूसो (६) या तत्तोऽवि अस्सलेसा (७)महा (८)यदो फूग्गुणीओ (९-१०)य॥१॥हत्थो (११)चित्ता (१२)साई (१३) विसाहा (१४) तहय होति अणुराहा (१५) जेट्ठा (१६) मूलो (१७) पुव्वा (१८) य आसाढा उत्तरा (१९) चेव ॥२॥अभिइ (२०) सवण (२१) धणिट्ठा (२२) सयभिसया (२३) दो य होति भद्दवया ( २४-२५) । रेवति (२६) अस्सिणि (२७) भरणी (२८) नेतव्वा आणुपुव्वीए ॥३॥एवं गाहाणुसारेणं णेयव्वं जाव दो भरणीओ।दो अग्गी दो पयावती दो सोमा दो रुद्दा दो अदिती दो बहस्सती दो सप्पी दो पिती दो भगा दो अज्जमा १० दो सविता दो तट्ठा दो वाऊ दो इंदग्गी दो भित्ता दो इंदा दो निरती दो आऊ दो विसा दो बम्हा २० दो विण्ह दो वसू दो वरुणा दो अया दो विविद्धी दो पुस्सा दो अस्सा दो यमा २८ । दो इंगालगा दो वियालगा दो लोहितक्खा दो सणिच्चरा दो आहुणिया दो पाहुणिया दो कणा दो कणगा दो कणकणगा दो कणगविताणगा १० दो कणगसंताणगा दो सोमा दो | ॥श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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