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अनुयोगद्वारसूत्रे स्थापना नाम भवति । यथा-उग्रो भोग इत्यादि । उग्रांशोद्भवत्वेन उग्र इति नाम स्थाप्यते, भोगवंशोहरत्वेन भोग इति । एवं राजन्यादिष्यपि बोध्यम् । अथ पाष. ण्डनाम यथा भवति तथाऽऽह-पाषण्डनाम हि येन यत्पापण्डमाश्रितं तस्य तन्नाम्ना स्थाप्यते । यथा श्रमणः पाण्डुराङ्गो भिक्षुः कापालिकस्तापसः परिव्राजक याणामे ) इस प्रकार, ये २८ देवताओं के नाम है । ( से किं तं कुलनामे) हे भदन्त ! कुल नाम क्या है ?
उत्तर-जो.जिस कुल में उत्पन्न होता है उस कुल के नाम से यदि उसका नाम स्थापन होता है, तो वह कुल नामरूप स्थापन होता है । (कुल नामे) कुल नाम इस प्रकार हैं-( उग्गे, भोगे, रायपणे, खत्तिए, इक्खागे, णाए' कोरव्वे-सेतं कुलनामे) उग्रकुल, भोगकुल, राजन्य कुल, क्षत्रियकुल, ऐक्ष्वाककुल, ज्ञातकुलं कौरव्यकुल । उग्र वंश में जन्म लेने से उग्र ऐसा नाम स्थापित किया जाता है। भोगवंश में उत्पन्न होने से भोग। इसी प्रकार राजन्य आदि में भी जानना चाहिये। इस प्रकार ये कुल के नाम हैं । (से कि तं पासंडनामे) हे भदन्त ! पाषण्ड नाम क्या है ? .
उत्तर-(पासंडनामे) जिसने जिस पाषण्उ को आश्रित किया उससे जो उसका नाम स्थापित किया जाता है वह पाषण्ड नाम है। वह इस प्रकार से है-जैसे-(समणे य पंडुरंगे भिक्खू कावालिए य या प्रमाणे मा २८. पिता-माना नाम छे. (से कि त कुलनामे) 3 HE!:दानाम छ ?
ઉત્તર-જે વ્યક્તિ જે કુલમાં ઉત્પન્ન થાય છે, તે કુલના નામથી જે તેનું नाम रामपामा मावेत नाम ३५ स्थापना नाम उवाय छे. (कुलनामे) ga नाम मा प्रमाणे छे. (उग्गे, भोगे, रायण्णे, खत्तिए, इक्खागे, णाए, कोरव्वे, से त कुलनामे) Suga, गव, सरन्य, क्षत्रियस, मेवाકુલ, જ્ઞાનકુલ, કૌરવ્યકુલ, ઉગ્રવંશમાં જન્મ પ્રાપ્ત કરવાથી ઉગ્ર એવું નામ સ્થાપિત કરવામાં આવે છે. ભગવંશમાં ઉત્પન્ન થવાથી ભેગનામ રાખવામાં આવે છે. આ પ્રમાણે જ રાજન્ય વગેરે માટે પણ જાણી લેવું न म प्रमाणे म. सोन नामी छ. (से किं त' पासंडनामे है ભદંત ! પાખંડ નામ શું છે?
उत्तर-(पासंड नामे) २२ पाउने। माश्रय सीधा य तथा ने तेनुं નામ રાખવામાં આવ્યું તે નામ પાવંડ નામ છે. તે આ પ્રમાણે છે. જેમ કે
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