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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र २०७ असुरकुमारादीनामायुः स्थितिनिरूपणम् २९५ मुहुत्तं, उक्कोसेणं तेवन्नं वाससहस्साइं । अप्पज्जत्तयसंमुच्छिमउरपरिसप्पथलयर पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुद्दत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तय संमुच्छिम उर परिसप्पथलयर पंचिदियतिरिक्ख जोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेवण्णं वाससयसहस्साई अंतोमुहुत्तणाई । गब्भवक्कंतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्को सेणं पुइकोडी । अप्पजत्तगगन्भवक्कंतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तगगब्भवक्कंतिय उर परिसप्पथलयरपंबिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं पुत्रकोडी अंतोमुहुत्तणा । भुयपरिसप्पथलयर पंचिदियतिरिक्ख जोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहणणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुत्रकोडी । संमुच्छिमभुयपरिसप्प - थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा गोयमा ! जहन्नेर्ण अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वायालीसं वाससहस्साई | अपजत्तयसंमुच्छिम भुयपरिसप्पथलयरपंबिंदियति रिक्ख जोणियाणं पुच्छा गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगसंमुच्छिम भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वायालीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तणाई | गन्भवतिय भुयपरिसप्प For Private And Personal Use Only
SR No.020967
Book TitleAnuyogdwar Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages928
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size21 MB
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