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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अनुगोगच न्द्रका टीका सू० २३ भावावश्यकनिरूपणम् इति तदेत- लोकोत्तरिक द्रव्यावश्यकं वर्णितम् । नोआगमतो द्रव्यावश्यकमपि. सर्व निरू पेतमिति प्रकटयितुमाह-तदेतद् न आगमतो द्रव्यावश्यकं वर्णितम् । तदेतत् द्र यावश्यकं वर्णितम्, इति ॥५० २२॥ .. अथावसरमाप्तं भाशवश्यकं निरूपयितुमाह मूलम्-से कि तं भावावस्सयं ? भावावस्तयं दुविहं पपणत्तं तं जहा आगमओ य, नो आगमओ य ॥ सू० २३ ॥ छाय--अथ किं तद् भावावश्यकम् ? भावावश्यकं द्विविधं प्रज्ञप्तम. . तथ।।-आगमतश्च, नोभागमतश्च ।।मू० २३॥ . टीमा-शिष्यःपृच्छति--से किं तं भावा-स्सयं' इति । हे भदन्त ! अथ किं तद् भावावश्यकम् ? उत्तरमाह-'भावारसयं' इति । भावावश्यकसभ लोकात्तरिक द्रव्यावश्यक है। इस तरह. यहां तक (से ते नोआगमओ दावस्स) पूर्व प्रक्रान्त नोआगम द्रव्यावस्यक का कथन किया गया है कि -नोआमम को लेकर द्रव्यावश्यक के भेद प्रभेदों का पूर्वोत्तरूप से वर्णन हो चुका है । ॥ सूत्र २२॥ अब सूत्रकार भावावश्यक का वर्णन करते हैं-- से किं तं भावावस्सयं इत्यादि ॥सूत्र २३॥ . शब्दार्थ--(से) हे भदंत ! भागवश्यक का क्या स्वरूप है ? .. उत्तर--(भावावस्मयं दुविहं पण्णत्तं) भावोवश्यक दो प्रकार का है। (तंजहा) वे प्रकार ये हैं-(आगमओ य नोआगमआय) एक आगम को लेकर -भावावश्यक और दूस । नोआग को लेकर भावावश्यक । विवक्षित क्रिया के - अनुभव से युक्त जो साध्वादिरूपपदार्थ है उसका नाम भाव है । यहां भाव કેઈ આવશ્યક ક્રિયાઓ હોય છે. તે લકત્તરિક દ્રવ્યાવશ્યક રૂપજ ગણાય છે. (से तं नो आगमओ दवावस्सयं) मा शत ही सुधीमा प्रस्तुत ना मागम દ્રવ્યાવશ્યકનું કથન કરવામાં આવ્યું છે. એમ સમજવું. કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે આગમની અપેક્ષાએ દ્રવ્યાવશ્યકના જે ભેદ-પ્રભેદે પડે છે. તેમનું વર્ણન म १६ थाय छे. ॥९० २२॥ હવે સૂત્રકાર ભાવાવશ્યકના સ્વરૂપનું નિરૂપણ કરે છે, “से किं तं भावावस्सयं" त्याहशहाथ-(से) शिष्य गुरुने यो प्रश्न पूछ छ -भावावस्मयं किं) भगवन् ! भावापश्यनु २१३५ ३ ४ छ १ . - - - - - - -- For Private and Personal Use Only
SR No.020966
Book TitleAnuyogdwar Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages864
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size25 MB
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