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कोइ इगपसइमाणो अवरो दुतिपसइमाणओ होइ। एवं इह कम्मं पि हु सण्णाणावरणमाईहिं बहुपुग्गलेहि जणियं पयईण किंचि नाणमावरेइ । किंची दंसण किंची सुहदुक्खे जणइ एमाई ठिइए तंपिय तीसं कोडाकोडाइ कालपरिमाणं । अणुभावेणं तं पिहु इगदुट्ठाणगतिठाणाई मंदयरमंदतिव्वाइरसजुयं तं पि किल पएसेहिं । अप्पबहुपएसेहिं निप्फण्णं होइ कम्मं तु अह पढमं वत्तव्वो पयडियबंधो तहिं च चत्तारि । अणुओगदुवाराइ तहिं पढमं पयडिवण्णणया दुइयं सायाइपरूवणा उ तइयं तु भूयकाराइ । वण्णणया तह तुरियं सामित्तपरूवणा चेव इइ पनरसगाहाहि भणिस्सइ य तत्थ पयडिबंधम्मि। नाणाइगाह जुयलेण मूलपयडीण वण्णणया साइगाहाए सायाइ वण्णणा मूलपयडिबंधस्स । उत्तरइयगाहाए उत्तरपयडीण सा नेया तह मूलपयडिबंधो बंधठाणेसु भूयकाराइ । वण्णणया चत्तारि य इमाएँ गाहाएँ नायव्वा एगादहिगे गाहा अण्णकइ कयत्ति होइ नायव्वा । उत्तरपयडिसु बंध--ट्ठाणेसुं भूयकाराइ वण्णणया तिण्णि दसि -च्चाईगाहाएँ तह य सव्वासि । एमाई गाहाणं जुयलेणं बंधसामित्तं भणियं सोलस इच्चाइ गाहपणगेण बंधवुच्छेओ। पयडीण गुणेसुं वण्णिओ त्ति आहेण अह भणइ
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