SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 306
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir || ३६९ ॥ ।। ३७० ॥ ।। ३७१ ।। ॥ ३७२ ॥ ॥ ३७३ ॥ ॥ ३७४ ॥ छायालीसं सहस्स, जंबूद्दीवा विसोहइत्ताणं । सेसं एगविहत्तं, मंदरवणमाणयं जाण विजयाणं विक्खंभो, बावीस सयाई तेरसहियाई । पंच सए वक्खारा, पणवीससयं च सलिलाओ जत्तो वासहरगिरी, तत्तो जोयणसयं समोगाढा। चत्तारि जोयणसए, उविद्धा सव्वरयणमया जत्तो पुण सलिलाओ, तत्तो पंचसयगाउ ओगाढा । पंचेव जोयणसए, उविद्धा आसखंध निभा चित्ते य बंभकूडे, नलिणीकूडे य एगसेले य । तिउडे वेसमणे वा, अंजणे मायंजणे चेव अंकावइ पम्हावइ, आसीविस तह सुहावहे चंदे । सूरे नागे देवे, सोलस वक्खारगिरिनामा गाहावई दहवई, वेगवई तत्त मत्त उम्मत्ता । खीरोय सीयसोया, तह अंतोवाहिणी चेव उम्मीमालिणि गंभीर-मालिणी फेणमालिणी चेव । एया कुंडप्पवहा, उव्वेहो जोयणा दसओ विजयाणं बत्तीसं, आसण्णं मालवंतसेलस्स। काऊण पयाहीणा, इमाणि नामाणि अणुकमसो कच्छ सुकच्छ महाकच्छए य कच्छावई चउत्थोऽत्थ । आवत्त मंगलावत्त, पुक्खले पुक्खलावइ य वच्छ सुवच्छ महावच्छए य वच्छावई चउत्थोऽत्थ । राम्मे य रम्मएऽवि य, रमणिज्जे मंगलावइए पम्ह सुपम्ह महापम्हए य पम्हावई चउत्थोऽत्थ । संखे नलिणे कुमुए, नलिणावइ अट्ठमे भणिए || ३७५ ॥ ।। ३७६ ॥ ॥३७७ ॥ ॥ ३७८ ॥ ॥ ३७९ ॥ ॥ ३८० ॥ ૨૯ For Private And Personal Use Only
SR No.020964
Book TitleShastra Sandeshmala Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages430
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy