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हरिणो मणुस्स रयणाइ हुंति नाणुत्तरेहिं देवेहिं । जहसंभवमुववाओ, हयगय एगिंदि रयणाणं । वामपमाणं चक्कं, छत्तं दंडं दुहत्यं चम्मं । बत्तीसंगुल खग्गो, सुवण्ण कागिणि चउरंगुलिया चरंगुलो दुअंगुल, पिहुलो य मणी पुरोहि गय तुरया । सेणावइ गाहावइ, वड्ढइ त्थी चक्कि रयणाई
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चउरो आयुह गेहे भंडारे तिण्णि दुण्णि वेयड्ढे । ए रायगिम्मिय, नियनयरे चेव चत्तारि नोसप्पे पंडूए, पिंगलए सव्वरयण महपउने । काले य महाकाले, माणवगेयातहामहासंखे जंबुद्दीवे चउरो, सयाइ वीसुत्तराइ उक्कोसं । रयणाइ जहणं पुण, हुंति विदेहम्मि छप्पण्णा चक्कं धणुहं खग्गो, मणी गया तह य होइ वणमाला । संखो सत्त इमाई, रयणाई वासुदेवस्स
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संखनरा चउसु गइसु जंति पंचसु वि पढम संघयणे । इग दुति जा अट्ठसय, इगसमए जंति ते सिद्धि
वीसि त्थि दस नपुंसग, पुरिसट्ठसयं तु एगसमएणं । सिज्झइ गिहिअण्ण सलिंग चउदस अट्ठाहिय सयं च गुरु लहु मज्झिम दोचउ, अट्ठसयं उड्डहो तिरि य लोए । बावीस सयं, दुसमुद्दे तिण्णि सेसजले
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नरय तिरिया गया दस, नरदेवगईउ वीस अट्ठसयं । दस रयणा सक्कर वालुयाउ चउ पंक भू दगओ छच्च वणस्सइ दस तिरि तिरि त्थि दस मणुय वीस नारीओ । असुराइ वंतरा दस, पण तद्देवीउ पत्तेयं
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