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अ (ट्ठाहि) हडिय सहस्स मेगं, ऊसासा तहय वरिसए चेव । आवस्सयस्स एवं निज्जुत्तीए य नायव्वं नवि अण्णो कोइ विही, पक्खियमाईण दीसई सुत्ते । वित्तीय जो भणिओ, सो वि न गच्छेसु सव्वेसु नियनियगच्छायरणा, सव्वेसि अत्थि पुव्वसूरिकया । सायरणावि य आणा, जा पवयणमग्गमणुलग्गा चित्तसमाहीठाणा, दस य दसाखंधसुत्तपण्णत्ता । पक्खिय-पोसहिएसु य समाहिपत्ताण साहूणं अत्थय पक्खिय- सद्दो- चउदसी वायगो मुणेयव्वो । जं पक्खिय परियाओ, एसो न हु पुण्णिमा भणिया भुज्जो भगवइ - अंगे, पढमुद्देसे य बारस-सयम्मि । पक्खियपोसह - सद्दे, चउद्दसी-संभवो अस्थि जम्हा पढमे दिवसे, बीण (य) पुण पोसहो य नो गहिओ । तम्हा एगदिणस्स य, आराहणमेव इह पयडं वित्तीए नो भणिउ, चउद्दसी - पुण्णिमाइ - सुविसेसा । एएण कारणेणं चउद्दसी - पक्खियं होइ
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कत्तिय अमावसाए, निव्वाणं वीरजिण वरिंदस्स | संजायं तेण तया, पट्टवियं पोसहं सुद्धं
कासीकोसल - जणवय, निवेहि अट्ठारसेहिं मिलिऊणं । गणरायेहिं पक्खिय, ममावासाए कउ तत्तो
भणियमिणं सुहवयणं, दसासुयक्खंध- अट्ठमज्झयणे । पुणरवि तत्थेव सुया, पक्खियारोवणा भणिया तग्गहणं पडिसुद्धं, अमावसाए न पक्खियं होइ । तेण य अमावसाए, न पुण्णिमाए वि नेयव्वं
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