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छड्ड िकंत पणत्थि पसत्तउ नावइ ईस वसेण पमत्तउ
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सज्ज उत्तम कुल संभूयउ पर गुण-दूषण घोसण मूयउ ।
पूइड पंडिउ गणयहिं रत्तउ
जइता दासत्तणु धुवु पत्तउ अग्ग जले जिव तणु संतावइ काम्वर जिम्व मणु मोहावइ । छुरिया जिम्व जा देहु वियारइ सा कुलह किम्व चित्तु वियारइ चार तव दविणई सुह भवणाई हणई सुज्झाणइ कय निव्वाणइं ।
नाणु पणुल्लइ उप्पहि घल्लइ
वेस पराणइ नरइ महल्लइ
इम जाणेविणु पण रमणि, दूसिय गुण - मणि-माल | दूरेण मिल्लहु जिमू लहउ, सुग्गइ सुक्ख विसाल
पारधि वइर परंपर कारणु पारधि जीवह करइ वियारणु ।
पारधि जहिं मुद्धिर्हि पारद्धी
दद्धी तिहिं नारय गय लद्धी
रण्णि वसहिं जि तण चरहिं, फुल्लिण कुवि न हणंति । तह मय मारणु आयरवि, किह भड़वाउ वहंति
अप्पा पर अवयारयरि, दीसइ फुड पारद्धि विहलइ सयलाई सुचरियई, पोसइ पावह रिद्धि
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