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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरू वह है जो होश जगाए, जागृति लाए, मार्ग दिखाए विभिन्न प्रकार की आवाजें गिट-पिट होती वहाँ सुनाई पड़ रही थीं। ठीक दस बजे उस आफिस में से एक चपरासी बाहर निकल कर आया और सूचना पट पर एक कागज चिपका दिया । जिसमें उस दिन होने वाले इन्टरव्यू में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के नाम थे । वह चपरासी उस कार्यालय के बाहर आराम से बैठ गया। सड़के सोचने लगे कि अब बस थोड़ी बहुत देर में इन्टरव्यू शुरू होने वाला है, लेकिन काफी देर बीत जाने के बाद भी किसी उम्मीदवार लड़के का नाम नहीं पुकारा गया। तब उन्होंने वहाँ बैठे हुये चपरासी से भी पूछा, लेकिन वह कोई सन्तोषजनक उत्तर उन लड़कों को नहीं दे पाया, इसी कशमकश की अवस्था में समय गुजरता गया; धूप भी तेज हो गयी; वहाँ कोई छाया पानी का भी इन्तजाम नहीं था जिसके कारण लड़कों के मन में असन्तोष बढ़ता ही जा रहा था। लेकिन सभी चुप थे, मजबूरी भी थी, क्योंकि वे पुलिस की सीमा रेखा के अन्दर थे । इसलिये अनुशासन में रहना भी जरूरी था, कहीं निकाल कर बाहर ही न कर दें। लेकिन फिर भी सोच तो रहे ही थे कि पता नहीं कब से शुरू करेंगे। अब तो लंच का भी समय होने को आया था । तभी एक लड़का उस आफिस के अन्दर से बाहर निकला और सभी की ओर मुखातिब होकर बोला, “आप लोग अब भले ही घर जा सकते है, क्योंकि इस अकेले वायरलैस आपरेटर के रिक्त स्थान पर मेरी नियुक्ति हो गयी है।" बस फिर क्या था वहाँ तो उन लड़कों ने शोर करना शुरू कर दिया कि यह भी कोई बात रही, जब इन साहब का ही चयन करना था तो फिर हमें बुलाया ही क्यों था ? क्या हमारे आने जाने में पैसे खर्च नहीं हुए ? यह तो सरासर धोखा है। भ्रष्टाचार हैं। सूचना पट पर लगी हुई सूचना में भी इस लड़के का नाम सबसे अन्त में लिखा हुआ है, फिर हमें पहले क्यों नहीं बुलाया गया? कुछ ही मिनिट में तो वे लड़के मारे बाजी पर उतर आये, यात शाब और ज्यादा बड़ने लगी तब बही लड़का फिर बोआप नाहक होनाहान हो रहे हैं, आप सभी का नाम भी ऊपर लगे माईकापर मास (वायरलैस से सन्देश भेजने की लिपि की जान में पुका पा, लेकिन आप अपनी बातों में इतने अधिक मशगूल में कि कापस मोर्स की आवाज पर ध्यान ही नहीं दे सकें, शायद आप तो यह सोच रहे थे कि आपका नाम हिन्दी मे इस चपरासी के द्वारा पुकारा पायेगा, तब ही मापं अन्दर जावेंगे, और' चयन कर्ता आपका चयन कर लेंगे, आपको एक अतं और बता दू, अन्दर आफिस में तो कोई है ही नहीं । वहाँ"तों मेंज पर नियुक्ति पत्र रखा था तों इसके साथ For Private And Personal Use Only
SR No.020951
Book TitleYog aur Sadhana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShyamdev Khandelval
PublisherBharti Pustak Mandir
Publication Year1986
Total Pages245
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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