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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ २६ ] ५ शाह महमूद लंगा फ़ोरोज़शाह का बेटा ... ९०८ १५५९ ६ शाह हुसेन लंगा शाहमहमूद का बेटा ... ९३१ १५८१ इससे सन् १०३२ ( १५८२ ) में सिंध के बादशाह मिरज़ा शाहहुसेन अरगूने मुलतान फ़तह कर लिया मगर लूटमार से ऊजड़ करके छोड़ दिया । तब लंगर खाँ नामक एक लंगा ने उसको फिर आबाद किया। उससे हुमायू बादशाह के बेटे मिरजा कामरों ने ले लिया। कश्मीर के बादशाह कश्मीर में हिन्दू राजाओं का राज हजारों वर्ष तक रहा है जिसका हाल राजतरङ्गिणी नामक संस्कृत ग्रंथ में लिखा है। सबसे पिछला हिन्दु राजासियादेव था। उसके पास शाहमिरज़ा नामक एक मुसलमान फ़कोर, जो अपनी पीढ़ियाँ अर्जुन पांडव से मिलाता था, सन् ७१५ (सं० १३७२) में आकर नौकर हुआ। जब सियादेव मरा तब उसके बेटे राजा रंजन ने शाहमिरज़ा को अपना वज़ीर बनाया और अपने घर का काम तथा अपने बेटे चंद्र को भी उसी के हवाले कर दिया। राजा रंजन के मरने पर ऊदन राजा, जो उसका रिश्तेदार था, कंधार से आकर गद्दी पर बैठ गया । उसने भी शाह मिरज़ा को ही मुखतार बनाये रक्खा और उसके दो बेटे जमशेद और अलीशेर को भी बड़े बड़े काम सौंपे । इन दोनों के सिवा सराशामक और हिंदालनाम दो बेटे और भी शाहमिरजा के थे। जब इन सबका बहुत ज़ार बढ़गया तब राजा ऊदन ने वहम करके इनको अपने घर में आने से रोक दिया। मगर ये तो सब मुल्क में For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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