SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ २७ ] फैले हुए थे इससे इनका जोर कुछ नहीं घटा । बल्कि राजा के नौकरों को मिलाकर यह और भी प्रबल हो गये और राजा कमज़ोर होता होता सन् ७४७ (सं० १४०३) में मर गया। उसकी रानी कूटादेवी उसकी जगह बैठ कर शाहमिरजा से कहने लगी कि रंजनदेव के बेटे चंद्रदेव को गद्दी पर बैठा कर काम किया कर, मगर शाहमिरज़ा ने नहीं माना । तब रानी उससे लड़ने को गई और पकड़ी जाकर उसको मुसलमान होना और उसके घर में रहना पड़ा। शाहमिरजा दूसरे दिन ही अपना नाम सुलतान शमसुद्दीन रख कर कश्मीर का राज करने लगा। १ शमसुद्दीन ३ वर्ष ... ७४७ १४०३ २ जमशेद शमसुद्दीन का बेटा १ वर्ष २ महीने ... ७५० १४०६ ३ अला उद्दीन अलीशेर शमसुद्दीन का बड़ा भाई १३ वर्ष ... ७५१ १४०७ ४ शहाबुद्दीन सराशामक अलाउद्दीन का छोटा । भाई २० वर्ष ... ७६४ १४१९ ५ कुतुबुद्दीन हिंदाल सराशामक का छोटा भाई... ७८४ १४३९ ६ सुलतान सिकंदर कुतुबुद्दीन का बेटा ... ७९६ १४५० ७ अलीशाह सिकंदर का बेटा ८१९ १४७३ ८ जैनुल आबदीन अलीशाह का बेटा ... ८२६ १४८० ९ शाहहैदर जैनुल आबदीन का बेटा १ वर्ष २ महीने ८७७ १५२९ १० शाह हसन शाहहैदर का बेटा ... ८७८ १५३० ११ मोहम्मदशाह शाहहसन का बेटा For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy