________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६६
अभजन्त
भेजिरे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभजत
अभजेताम् अभजथाः अभजेथाम अभजध्वम अभजे
अभजावहि अभजामहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भजेत
भजेयाताम् भजेरन भजेथाः
भजेयाथाम भजेध्वम् भजेय भजेवहि
भजेमहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) भेजे
भेजाते भेजिषे भेजाथे
भेजिध्वे भेजे भेजिवहे
भेजिमहे भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भक्ता भक्तारौ
भक्तारः भक्तासे
भक्तासाथे भक्तावे भक्ताहे
भक्तास्वहे भक्तास्महे भज (सेवायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भक्ष्यते भक्ष्येते
भक्ष्यन्ते भक्ष्यसे भक्ष्येथे
भक्ष्यध्वे
भक्ष्यावहे भक्ष्यामहे भज (सेवायाम, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भक्षीष्ट भक्षीयास्ताम भक्षीरन भक्षीष्ठाः
भक्षीयास्थाम भक्षीध्वम भक्षीय भक्षीवहि
भक्षीमहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अभक्त
अभक्षाताम् अभक्षत अभक्थाः अभक्षाथाम
अभग्ध्वम् अभक्षि अभक्ष्वहि
अभक्ष्महि
भक्ष्ये
For Private and Personal Use Only