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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्री व्यवहार सूत्रम् दशम उद्देशकः १४८७ (B) www.kobatirth.org 20 एवं खलु जवमज्झचंदपडिमा अहासुत्तं जाव आणाए अणुपार्लिया भवइ ॥ १ ॥ वइरमज्झं णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निंच्चं मासं वोसट्टकाए चियत्तदेहे 15 जे केइ परीसहोवसग्गा समुप्पजेज्जा जाव अहियासेज्जा । Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir वइम णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स, बहुलपक्खस्स पाडिवए से कप्पड़ पन्नरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तर, पन्नरस पाणस्स जाव एलुयं विक्खंभइत्ता दलयइ एवं से कप्पड़ पडिग्गाहित्तए । बिइयाए से कप्पड़ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चउद्दस पाणस्स । तइयाए से कप्पड़ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तेरस पाणस्स । चउत्थीए से कप्पड़ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, बारस पाणस्स । पंचमीए से कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, एगारस पाणस्स । छट्टीए से कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दस पाणस्स । सत्तमी से कप्पइ नव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, नव पाणस्स । १. ० लित्ता श्यु ॥ २. निच्चं नाति श्यु. ॥ For Private And Personal ܀܀ सूत्र १-२ यवमध्य वज्रमध्यप्रतिमे १४८७ (B)
SR No.020939
Book TitleVyavahar Sutram Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMunichandrasuri
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2010
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vyavahara
File Size13 MB
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