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श्री
व्यवहारसूत्रम् नवम
उद्देशकः १४५० (B)
गन्धिकशालासूत्राण्यपि भावनीयानि॥ सूत्रपाठस्त्वेवं द्रष्टव्यः
सूत्रम्-सागारियस्स गोलियसाला साहारणवक्यपउत्ता तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए ॥१९॥
सागारियस्स गोलियसाला निस्साहरणावक्कयपउत्ता तम्हा दावए, एवं से कप्पड़ पडिग्गाहेत्तए॥ २० ॥
एवं बोधिकशालादिसूत्रपाठोऽपि द्रष्टव्यः
सूत्रम्- सागारियस्स बोधियसाला साहारणवक्कय - पउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ २१ ॥
सागारियस्स बोधियसाला निस्साहारणवक्कय - पउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पड़ पडिग्गाहेत्तए ॥ २२ ॥
सागारियस्स दोसियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ । पडिग्गाहेत्तए ॥ २३ ॥
| सूत्र १९-३२
गाथा ३७०४-३७०५ साधारणाऽसाधाणवक्रयप्रयुक्तयोर्विधिः
|१४५० (B)
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