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श्री
व्याख्यातोऽष्टम उद्देशः, अधुना नवम आरभ्यते । तस्य चेदमादिसूत्रम्व्यवहार- ___ सूत्रम्- सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजति निविते निसिढे पाडिहारिए, . सूत्रम्
तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ १ ॥ नवम उद्देशकः सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजति निट्ठिए निसिढे अपाडिहारिए। तम्हा १४४१ (B) | दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २ ॥
____ सागरियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसिढे पाडिहारिए। तम्हा दावए,
नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ ३ ॥ ____ सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसिढे अपाडिहारिए। तम्हा
दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ ४ ॥ * सागारियस्स दासे वा, पेसे वा, भयए वा, भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए०४/१४४१ (B
निसिढे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ५ ॥
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सूत्र १-८
गाथा ३६८३-३६८७ प्रतिहारकभोजिशय्या| तरस्य पण्डि:
अकल्प्यः
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