________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir ওই | // 11 // - प्र] हे भगवन् ! वैरोचनेन्द्र बलिने केटली पट्टराणीओ कही छे ? [30] हे आर्य! पांच पट्टराणीओ कही छै; ते आ प्रमाणे शुभा, निशुंभा, रंभा, निरंभा अने मदना. तेमांनी एक एक देवीने आठ आठ हजार देवीओनो परिवार होय छे-इत्यादि सर्व चमरेव्याख्या-1 न्द्रनी पेठे जाणवू परन्तु बलि नामे इन्द्रने बलिचंचा नामे राजधानी ने. अने तेनो परिवार तृतीय शतकना प्रथम उद्देशकमां कह्या प्रवाप्तिः प्रमाणे जाणवो, बाकी सर्व पूर्व प्रमाणे जाणवं, यावत् ते मैथुननिमित्ते भोग भोगववा समर्थ नथी. [प्र०] हे भगवन् ! वैरोचनेन्द्र // 914 // | वैरोचनराजा बलिना (लोकपाल) सोम नामे महाराजाने केटली पट्टराणीओ कही छे ? [उ०] हे आर्य! चार पट्टराणीओ कही छे, ने आ प्रमाणे-मेनका, मुभद्रा, विजया अने अशनी. तेमा एक एक देवीनो परिवार वगेरे बधुं चमरना सोम नामे लोकपालनी पेठे | | जाणवू, ए प्रमाणे यावत् वैश्रमण सुधी जाणवू. [प्र०] हे भगवन् ! नागकुमारना इन्द्र अने नागकमारना राजा धरणने केटली पट्टराणीओ कही छे ? [उ.] हे आर्य ! तेने छ पट्टराणीओ कही है, ते आ प्रमाणे-इला, शुक्रा, सतारा, सौदामिनी, इन्द्रा अने धनवि धुव. तेमां एक एक देवीने छ छ हजार देवीओनो परिवार कह्यो छे. [प्र.] हे भगवन् ! तेमांनी एक एक देवी अन्य छ छ हजार देवीओना परिवारने चिकुर्वी शके 1 [उ०] तेओ पूर्वे कह्या प्रमाणे पूर्वापर सर्व मळीने छत्रीश हजार देवीओने विकुर्ववा समर्थ छे. ए प्रमाणे ते त्रुटिक (देवीओनो समूह) कह्यो. [प्र.] हे भगवन् ! शुधरेणेन्द्र पोतानी धरणा नामे राजधानीमा धरण नामे सिंहासनमा है बेसी पोताना परिवार देवीओ साथे भोग भोगवत्रा समर्थ छे इत्यादि 1 [उ.] बाकी सर्व पूर्ववत् जाणचुं, (अर्थात मैथुननिमित्ते त्यां भोग भोगववा समर्थ नथी.) धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स कालवालस्स लोगपालस्स महारन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ?,अजो! ACC35 + + + ++ For Private and Personal Use Only