________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir ARC H उदेशा५ // 912 अने वसुंधरा. त्यां एक एक देवीने एक एक हजार देवीनो परिवार छे. तेओमांनी एक एक देवी एक एक हजार हजार देवीना परिवारने विक्कुर्वी शके छ, ए प्रमाणे पूर्वापर बघी मळीने चार हजार देवीओ थाय छे. ते त्रुटिक (देवीओमो वर्ग) कहेवाय छे.॥ 405 // पाख्या-1 चमरस्स णं भंते! असुरिंदस्म असुरकुमाररन्नोसोमस्स महारनो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ?,अजो! चत्तारि प्राप्तिः अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, संजहा-कणगा कलगलया चित्तगुत्ता वसुंधरा, तत्थ ण एगमेगाए देवीए एगमेगसि देवि. // 11 // सहस्सं परिवारो पन्नत्तो, पभू णं ताओ एगमेगाए देवीए अन्नं एगमेगं देवीसहस्सं परियारं विउवित्तए, एवामेच सपुष्वावरेणं चत्तारि देविसहस्सा, सेत्तं तुडिप, पभू ण भंते! चमरस्स अमरिंदस्म असुरकुमाररन्नो सोमे महाराया सोमाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि तुडिएणं अवसेसं जहा चमरस्स नवरं परियारो जहा सूरियाभस्स, सेसं तं चेव, जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं / चमरस्सणे भंते ! जाव रन्नो जमस्स महारनो कति अग्गमहिसीओ, एवं चेव नवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स, एवं वरुणस्सवि, नवरं वरुणाए रायहाणीए, | एवं घेसमणस्सषि, नवरं वेसमणाए रायहाणीए, सेसं तं चेव जाब मेहुणवत्तियं / / [प्र०] हे भगवन् ! असुरकुमारना इंद्र अने असुरकुमारना राजा चमरना (लोकपाल) सोम नामे महाराजा पोतानी सोमा नामे राजधानीमा सुधर्मा सभामां सोमनामे सिंहासनमां बेसी ते त्रुटिक (देवीओना वर्ग) साथे भोगववा समर्थ छ ? उ०] चमरना संबन्धे का ते सर्व अहीं पण जाणवं. परन्तु तेनो परीवार सूर्यामनी पेठे जाणवो. अने बाकी सर्व पूर्व प्रमाणे कहेवं, यावत् ते देवीओ Pसाचे पोवानी सोमा राजधानीमां मैथुननिमित्तक भोग भोगववा समर्थ नथी. [प्र०) हे भगवन् ! ते चमरना (लोकपाल) यम नामे KARNAKER For Private and Personal Use Only