________________ Shri Mahawan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyarmandir १०शतके डोशा // 10 // 4 णिणी अप्पड्ढीयाए वेमाणिणीए मज्झमझेण वीइवएज्जा ?, हंता वीइवएज्जा, सा भंते! किं विमोहित्ता पभू तहेव जाव पुब्बि वा वीहवइत्ता पच्छा विमोहेज्जा एए चत्तारि दंडगा / / (सू०४०१)॥ व्याख्या 1 [प्र.] हे भगवन् ! समानशक्तिवाळो देव समानशक्तिवाळी देवीनी वचोवच थइने जाय ? [उ०] हे गौतम! ए प्रमाणे पूर्वनी प्राप्तिः पेठे देवनी साथे देवीनो दंडक कहेवो, यावत् वैमानिक सुधी जाण. [प्र०] हे भगवन् ! अल्पशक्तिवाळी देवी महाशक्तिवाळा देवनी 131 वचोवच थहने जाय ? [उ०] हे गीतम! न जाय, ए प्रमाणे अहीं बीजो दंडक पूर्व प्रमाणे कहेवो; यावत्-[प्र०] 'हे भगवन् ! महा शक्तिवाळी वैमानिक देवी अल्पशक्तिवाला वैमानिक देवनी वचोवच थइने जाय ? [उ०] हां, गौतम ! जाय. [प्र०] हे भगवन् ! अल्पशक्तिवाळी देवी मोटी शक्तिवाळी देवीनी वचोवच थइने जाय ? [उ.] हे गौतम ! आ अर्थ योग्य नथी. ए प्रमाणे समानशक्तिवाळी देवीनो समानशक्तिवाळी देवी साथे, तथा महाशक्तिवाळी देवीनो अल्पशक्तिवाळी देवी साथे ते प्रमाणे आलापक कहेवा, अने ए रीते एक एकना त्रण त्रण आलापक कहेवा. यावत्-[प्र.] 'हे भगवन् ! मोटीशक्तिवाळी वैमानिक देवी अल्पशक्तिवाळी वैमानिक देवीनी वचोवच थइने जाय ? [उ०] हा, गौतम ! जाय; यावत् [प्र०] 'हे भगवन् : शुं ते महाश| क्तिवाळी देवी विमोह पमाडीने जइ शके (के विमोह पमाडया विना जइ शके ? बळी पहेलां विमोह पमाडे, अने पछी जाय के | पहेला जाय अने पछी विमोह पमाडे ! [उ.] हे गौतम) पूर्व प्रमाणे जाणवू, यावत् 'पूर्वे जाय अने पछीथी विमोह पमाडे' त्यां सुधी कहे. ए प्रमाणे ए चार दंडक कहेवा. / / 401 // आसस्स णं भंते! धावमाणस्स किं खुखुत्ति करेति !, गोपमा! आसस्स णं धावमाणस्स हिदयस्स जग + 4-45 + + + For Private and Personal Use Only