________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 11 शतक एक पण औदारिकपुद्गलपरिवर्त थयो नथी. (म.] केटला औदारिक पुद्गलपरिवर्ती श्वाना छ ? [उ०] नेओने एक पण थवानो प्राप्ति निधी. [H0] हे भगवन्! एक एक नैरयिकने असुरकुमारपणामां केटला औदारिकपुद्गलपरिवतों थया छ ? [30] उपर कह्या प्रमाणे काउदेश // 1.66 // जाणा,ए प्रमाणे जेम असुरकृमारपणामां कई तेम यावत् स्तनितकुमारपणामां पण जाणवू [प्र०] हे भगवन् ! एक एक नैरपिकने 1066 / / पृथिवीकारपणामां केटला औदारिकपुद्गल परिवर्तो थया छ [उ०] अनन्ता थया छे. [प] केटला थवाना छे ! [उ०] कोइने थवाना छे अने कोइने थवाना नथी, जेने थवाना छे तेने जघन्यथी एक, वे के त्रण थवाना छे, अने उत्कृष्टथी संख्याता, असंख्याता के अनन्ता थवाना छे. ए प्रमाणे यावत् मनुष्यपणामां पण जाणवु. तथा वानव्यंतर, ज्योतिष्क अने वैमानिकपणामां जेम असुर| कुमारपणामां को तेम जाणवू. [प्र.] हे भगवन् ! एक एक असुरकुमारने नरयिकपणामां केटला औदारिकपूद्गलपरिचतों अतीत| थया छे / [उ.] जेम नैरयिकनी वक्तव्यता कही तेम असुरकुमारनी पण वक्तव्यता कहेवी.ए प्रमणे यावद्-वैमानिकपणामां कहे. ए प्रमाणे यावत्-स्तनितकुमार सुधी कहेवुए प्रमाणे पृथिवीथी आरंभी यावद् वैमानिकमृधी बधाोने पक गम-पाठ कहेवो. (प्र०]] हे भगवन् ! एक एक नैरयिकने नैरयिकपणामां केटला वैक्रियपुद्गलपरिवों थया छ ? [30] अनन्ता थया छे. [प्र०] केटला 2 थवाना छे ? [उ०] हे गौतम ! एकथी मांडीने यावद् अनन्ता थवाना छे. ए प्रमाणे यावत् स्तनितकुमारपणामां जाणवू. (प्र०)18 पृथिवीकायिकपणामा प्रश्न.-एक एक नैरयिकने पृथिवीकापिकपणामां वैक्रियपुद्गलपरिवर्तो केटला थया के ? (3) एक पण नथी. (प्र०) केटला थवाना ? (उ०) एक पण नथी. ए प्रमाणे जे जीवोने चैक्रियशरीर छे तेओने एकादि पुद्गलपरावतों जाणवा, अने | जेओने चैक्रियशरीर नथी तेओने पृथिवीकायिकपणामां कांके तेम कहेवु, यावद् वैमानिकने वैमानिकपणामां कहे, तेजसपुद्गल CBSEARCH For Private and Personal Use Only