________________ Shahawan Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kalassagersun Gyarmandie प्राप्तिः // 977 // 4% % [[प्र.] हे भगवान् ! दिवस अने रात्री ए बन्ने सरखां होय ! [उ.] हा, होय. [प्र०] क्यारे (दिवस अने रात्री) सरखां होय ? उ०] हे सुदर्शन ! ज्यारे चैत्री पूनम अने आसो मासनी पूनम होय त्यारे दिवस अने रात्री ए बन्ने सरखां होय छे. त्यारे पंदर |११शतके | मुहूर्तनी रात्री होय . अने रात्रीनी मुहूर्तना चोथा भागे न्यून चार मुहूर्तनी पौरुषीहोय छे. ए प्रमाणे प्रमाणकाल को. // 4255 उद्देशार से किं तं अहाउनिब्वत्तिकाले?, अहा०२ जन्न जेणं नेहएण वा तिरिक्वजोणिएण वा मणुस्सेण वा देवेण ||977 // वा अहाउयं निव्वत्तियं सेत्तं पालेमाणे अहाउनिध्यत्तिकाले। से किं तं मरणकाले 1, 2 जीवो वा मरीराओ सरीरं वा जीवाओ, सेत्तं मरणकाले // से किं तं अद्धाकाले?, अद्वा० 2 अणेगविहे पन्नत्त, से ण समयट्ठयाए आवलियट्ठयाए जाब उस्सप्पिणीहयाए / एस णं सुदंसणा! अद्धा दोहारच्छेदेणं छिजमाणी जाहे विभागं नो हब्वमाग च्छह सेत्तं ममए, समयट्ठयाए असंखेजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियनि पवुच्चइ, Baa संखेजाओ आवलियाओ जहा सालिउद्देसए जाव सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परिमाणं / एएहि णं भंते ! पलि. ओवमसागरोवमेहिं किं पयोयणं?, सुदंमणा! एएहिं पलिओवमसागरोवमेहि नेरदयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं आउयाई मविखंति // (सू. 426) // [प्र०) हे भगवन् ! यथायुनिवृत्तिकाल केवा प्रकारेकहेलो के ? [उ०] जे कोइ नैरयिक, तियंचयोनिक, मनुष्य के देवे पोते | जेवं आयुष्य बांध्यु नेते प्रकारे तेनुं पालन करे ते यथायुनितिकाल कहेवाय छे. [प्र०] हे भगवन् ! मरणकाल ए शुं छे / [उ.] (ज्यारे) शरीरथी जीवनो अथवा जीवथी शरीरनो वियोग थाय (त्यारे) ते मरणकाल कहेवाय छे. [प्र०] हे भगवन् ! अद्धा CHECROCCIENCE%C5% For Private and Personal Use Only