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२३) क्यों ॥५॥ सबसे पहले महाराज गये रहनेमी शिवकेमांदी। चौपन दिन पहली नेमनाथके राजुलमुक्ति पाई। पीछे पहुंचे नगवान जोतमे सबकी जोतीसमाई। करमाकी बेमी काटहुवे थिर अचलनग्रके मांहि ॥ कुल ॥करमाकी धूलजमाई वेगया मुक्तिकेमांदि, यों जिनयागममे गावेगये कालसे जीत करमगये वीत परमसुखपावे ॥ क्यों॥६॥ उन्नीसे श्कतालीस कायेसाल खुबदरसाया। जावादिवृस्पत्तिवार अष्टमी पाली मायवणाया। जी नारनोलहे वत्न हमारा जन्मस्थान बताया।जी जातीअगरवाल महाजन उत्तमंद कथगाया ॥ ऊल ॥ यों शिवचन्द्र यति वखाणे श्स्कीरगत पहचाणे कोश्चात्रकबुद्धिवाने पशुवाकी रक्षाकरीमुक्तिजो वरीउसीकोध्यावे ॥क्यों ॥ ७ ॥ इति पदं संपूर्णम् ॥
॥ राग भैरवी ॥ .. क्यों समजावे महतारी में नेमनाथकी प्यारी रे ॥ क्यों०॥ दुजो वर हमको नही चहीये में सतवंती नारी॥ क्यों ॥१॥ अधव्याहीकर गंड गये हे कुछ नहीं वात विचारी ॥ क्यों॥२॥ दिननहीचेन रेननही निमा लागत बुरी अटारी॥क्यों०॥३॥जेसे
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