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विचारपोथी
३३६ आधुनिक विज्ञान कहता है, सात वर्षके श्वासोच्छ्वाससे कायापलट हो जाता है।
धर्मशास्त्र कहता है, बारह वर्षकी तपश्चर्यासे चित्त धुल जाता है।
अध्यात्म कहता है, ब्रह्मज्ञानसे एक क्षणमें जीव मुक्त हो जाता है।
३४० मेघागमनसे हृदय भर पाता है, इसका कारण क्या यही नहीं है कि “नभासारिखें रूप या राघवाचे"-(इस रामका रूप नभके समान है।)
३४१ आत्मौपम्य सत्य । 'तौलनिक मनोविज्ञान' मिथ्या।
३४२ सेवा करते समय 'अ-कृत' भावना रहे। सेवा लेते समय 'कृत-ज्ञ' भावना रहे।
३४३
जो लोग ज्ञान प्राचरणमें लाये, उन्होंने ईश्वर 'मूर्ति-मान्' किया।
सत्त्वगुण निरहंकारितासे 'निःसत्त्व' किया जानेपर परमश्रेयोरूप होता है।
३४५ ___ इन्द्रियां न होतीं तो देहबद्ध पुरुषका दम घुट जाता। मुक्तको इन्द्रियोंकी जरूरत नहीं। घरका निबाह खिड़कियों के बिना नहीं होगा। खेतको खिड़कियोंसे क्या काम ?
३४६ शरीरमें चलनेवाली सभी क्रियाएं एक अर्थमें प्राण-क्रियाएं
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