________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि रिमर्हरिकेशहपुरस्तात्सविताज्योतिर्हृदयाँ२अज॑स्रम्॥ तस्यपूषा पू. अ. // 15 // प्रसवेयातिविद्वान्त्सुम्पश्यन्विश्चाभुवनानिगोपाः॥५८॥ विमा // 17 // नाएषः // विमान एषदिवोमधऽआस्तऽआपप्प्रिवानोदसीऽ न्तरिक्षम् ॥सविश्वाचीरभिचष्टेघृताचीरन्तरापूर्वमपरञ्चकेतुम् // // 59 // उक्षासमुद्रः॥ उक्षासमुद्रोऽअरुणसुपर्णपूर्वस्ययोनि / म्पितुराविवेश // मद्यैदिवोनिहितत्पृश्निरश्म्माविचक्रमेरजस है। स्प्पात्यन्तौ ॥६०॥इन्द्रंविश्वा // इन्द्रंविश्वाऽअवीवृधन्त्समुद्र | // 156 // For Private And Personal