________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir KASAMACASSECORGANA तिम्बाधमाना॥रायस्प्पोषयज्ञपतिमाभजन्तीरायस्प्पोषेऽअधि यज्ञोऽअस्त्थात्॥५४॥समिद्धेऽअग्नौ॥ समिद्धेऽअग्नावधिमामहा / नऽउक्थपत्रऽईड्डयोग्रभीतः॥तप्प्तङ्घर्मम्परिगृह्यायजन्तोर्जाय / द्यज्ञमयजन्तदेवा // 55 // दैव्यायध।जो देवश्री श्रीमना शतपया॥ परिगृह्यदुवायुज्ञायन्दुवादेवेभ्योऽअद्ययंन्तोऽ स्त्थुः // 56 // बीतन्हुवि ।शमित शमितायुजचैतुरीयोयज्ञो / यत्रहध्यमेति ॥ततौबाकाऽआशिषौनोजुषन्ताम्॥५७॥ सूर्य्यर For Private And Personal