________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir पू.अ. // 11 // COLOCALGAONISARGICAR सचताम् // 30 // त्रीन्समुद्रान् // त्रीन्समुद्रान्त्समैसृपत्स्वर्गा नपाम्पतिवृषभऽइष्टकानाम् // पुरीषूबसानत्सुकृतस्यलोकेत–ग इच्छयत्रपूर्वेपरेता॥३१॥ महीद्यौपृथिवीचनऽइमंत्र्युज्ञम्मिमि क्षताम् // पिपृतान्नोभरीमभिदं // 32 // विष्ष्णोत्कम्माणि / पश्य , तयतोत्रुतानिपस्पशे // इन्द्रस्ययुज्यत्सखा ॥३३॥ध्रुवासि / धुरु / णेतोजज्ञेप्रथममेभ्योयोनिब्भ्योऽअधिजातवैदा // सगायत्र्या ! // 12 // त्रिष्टुभानुष्टुभाचदेवेभ्योहव्यवहतुप्प्रजानन्॥ 34 // हुपेराये / / For Private And Personal