________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir तीसहखपृतनायुतः // सहस्रवीर्य्यासिसामाजिन्व॥२६॥[११] मधुबाता // मधुबातोऽऋतायतेमधुक्षरन्तिसिन्धवः॥मादीन / सन्त्वोपंधी // 27 // मधुनक्तम् // मधुनक्तमुतोपसोमधुमत्पार्थि / वहरजः ॥मधुधौरस्तुनलपिता ॥२८॥मधुमान // मधुमानोव नस्पतिर्मधुमाँ 2 अस्तुसूयं ॥माध्वीर्गावोभवन्तुनः // 29 // अपाङ्गम्भन् // अपाङ्गम्भन्त्सीदुमात्त्वासूर्योभिताप्प्सीन्माग्नि / / वैश्वानरः॥अच्छिन्नपत्रात्पुजाऽअनुवीक्षखानुत्त्वादिच्यावृष्टिः / / SAMACAREELCACAMAK For Private And Personal