________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. अ. / देवासऽआर्गतशृणुतामऽइम हवम् ॥एदम्बर्हिर्निषीदत // उपया / मगृहीतोसिविश्वब्भ्यस्त्वादेवेभ्य॑ऽएपतेयोनिर्विश्चैब्भ्यस्त्वादेवे // 7 // भ्यः // 34 // [1] इन्द्रमरुत्वः // इन्द्रमरुत्त्वऽइहपाहिसोमं / / इय्याशाऱ्यातेऽअपिबत्सुतस्य॥तवुप्पणीतीतवशूरशर्मन्नाविवा / सन्तिकवयः सुयज्ञाः॥ उपयामगृहीतोसीन्द्रायत्त्वामुरुत्वताए / पतेयोनिरिन्द्रीयत्त्वामुरुत्वते॥३५॥ [1] मुरुत्वन्तंवृषभंबावृधा // 50 // नमकवारिन्दुिव्यशासमिन्द्रम् // विश्वासाहुमवसेनूतनायो / ROCCACANCERMADAM For Private And Personal