________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir MOREOGRECORMALARIAGEMOREON ग्रसहोदामिहतहुवेम // उपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्त्वामुरुत्त्व / ताएषतेयोनिरिन्द्रीयत्त्वामुरुत्त्वते // [1] उपयामगृहीतोसिमरु / तान्त्वौजसे // 36 // [1] सुजोषोऽइन्द्र // सजोषोऽइन्द्रसगणोम | रुद्भित्सोमम्पिबत्रहाशूरविद्वान् ॥जहिश 1 रपुमृधौनुदुखा है थाभयकृणुहिविश्वतोन // उपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्त्वामुरुत्त्व / तऽएपतेयोनिरिन्द्रीयत्वामुरुत्त्वते॥३७॥[१] मरुत्त्वा२ऽइन्द्रा / वृषभोरायपिवासोम॑मनुष्ष्वधम्मदाय // आसिञ्चखजुठरेमी है। For Private And Personal