________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir RDAR PEGORIEURMIRRORATARIATRAPUR AARURRUAROAD // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 9 // शिष्योभूत्वातरत्यंतेपच्छतत्वंस्मरांतकं // तत्वसंप्रश्नव्याजेनकालंबहुनयप्रभो। ॥६३॥बहुकालेगतेदेवीकमारंप्रसविष्यति॥ देवैरेवंप्रार्थितोऽग्निरोमित्यक्त्वाहएक रंययो॥ 64 // वीर्योत्सर्गात्पूर्वमेवगतोवहीरतांतरे॥ तंदृष्ट्वाव्रीडितादेवीवि वस्त्राविमनाययौ // 65 // रतिविहायत्वरयाततोरुद्रोऽतिकोपितः॥ वहिंप्राश हगृहाणेदंमहिमृष्टंमुदुमते // 66 // महीर्यदुःसहंपापरतिविघ्नस्त्वयाकृतः / / उत्स्रक्ष्यामिचमबीर्यवन्मुखेहव्यवाहन // 67 // इत्युत्क्योत्सृष्टवान्वीर्यहव्य वाहमुखेहरः // तद्धृत्वादह्यमानःसन्स्वोदरेवोर्यमुल्बणं // 68 // चिंतया-8 नोययोधामदेवानांयज्ञपूरुषः॥कथंचित्प्राणमुद्धृत्यदेवेभ्यस्तन्न्यवेदयत्॥६९॥ श. देवावह्नीरितंश्रुत्वाहर्षशोकोसमाययुः॥ स्थितवीर्यमितिह्लादकथंतुप्रसवोभवे-18 LATEEJayers For Private and Personal Use Only