________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MERARMIRRORMONSORRRRRRRRRRRRRRRROUND माहात्म्य अध्याय 1 // वर्षसहस्राणिरेमेस्वच्छंदयाविभुः // 55 // स्त्रीणामिंद्रवराभावात्तस्मिन् / या कालेनृपोत्तम // पुंसंसर्गात्पुनर्गर्भोनारीणांस्त्रवतिध्रुवं // 56 // प्रत्यहंरम-18 कणाद्देव्यांनाभूगर्भोहरादतः॥ देवानामभवञ्चितापुत्रालाभाराद्विभोः॥ 57 // हा सर्वेसंगत्यसंमंत्र्यमिथएवंबभाषिरे // कामीवाभद्रतोनित्यंसक्तोदेव्यांहरः / शस्वराट् // 58 // नास्माकंसिध्यतेकार्यनित्यंगर्भस्यसंस्रवात् // पुनारति यथानस्यात्तथाऽस्माभिर्विधीयतां // 59 // मिथएवंतुसंभाष्यव्यचिन्वन्दक्षश्रीमत्रते // अग्निंकल्पंविनिश्चित्यत्यूचुर्मानपुरःसरं // 60 // मुखंत्वमग्नेदेवा- 8 नांत्वंवंधुर्गतिरेवच // इदानीमपिगच्छत्वंरमतेयत्रवैहरः // 61 // रत्यंतेदर्शयात्मानसंभवन्नरतियथा // त्वांदृष्टाव्रीडितादेवीततश्चापसरेद्धृवं // 62 // 8 लन्कन्छन् For Private and Personal Use Only