________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir AAWARENEURSASURRORIRAMOREONORMORE // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 12 // यस्तभक्त्वावैतिष्ठेन्नित्यंस्ववेश्मनि // शक्तस्तुकार्यकरणेमार्जारोजायतेनरः॥ 6 // सोऽहंदेवतवादेशात्प्रजाधर्मेणपालये॥पुण्येनपुण्यकर्तारंपापंपापेनकर्मणा || // 7 // सम्यग्विचार्यमुनिभिर्धर्मशास्त्रान्वितैःप्रभो // कल्पादौवर्तमानस्ययावदद्यदिनमम // 8 // कर्तुनियोगमेवंहित्वदीयंनैवशक्नुयां। राज्ञाकीर्तिमताभग्नो नियोगस्तववैक्षितौ // 9 // भयादस्यजगन्नाथपथिवीसागरांबरा // वैशाखध-18 मनिरतानक्षितौवर्ततेक्वचित् // 10 // विहायसर्वधर्माश्चविहायपितृपूजनं // विहायाग्निसपतितीर्थयात्रादिसत्क्रियाः // 11 // योगसांख्यावुभौत्यक्त्वाह त्यक्त्वाप्राणनिरोधनं // त्यक्त्वास्वाध्यायहोमौतुकृत्वापापानिभरिशः // // 12 // प्रयांतिवैष्णवलोकंकृत्वावैशाखसक्रियाः // मनजाःपितृभिःसार्धेतमोलान्लान् For Private and Personal Use Only