________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir FANANARAQerara encenguerverwenwerkend // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 12 // 52 व गदंचेदमतीवदीनः॥१२०॥इतिश्रीस्कंदपुराणेवैशाखमाहात्म्येनारदांबरीषसंवादेकीर्तिमद्विजयवर्णनंनामैकादशोऽध्यायः // 11 // // 7 // यमउवाच॥ शृणुमेवचनंशंभोलोपितोऽहंपितामह // मरणादधिकंमन्येमत्पदस्यचखंडनं / / // 1 // नियोगीननियोगंहिकरोतिकमलासन॥प्रभोर्वित्तंसमश्नातिसभवेत्काष्ठ- 15 कीटकः // 2 // योऽनातिलोभाद्वित्तानिप्रज्ञावांश्चमहीपते // नियोगीनरकंया-2 तियावत्कल्पशतत्रयं // 3 // निःस्पृहोनाचरेद्यस्तुनियोगपद्मसंभव // भुक्त्वा तुनरकान्घोरान्सपुमान्वायसोभवेत् // 4 // आत्मकार्यपरोयस्तुस्वामिका- 13 यविलुपति // भवेद्देश्मनिपापात्माआखुःकल्पशतत्रयं // 5 // नियोगी 1 भृत्यः / 2 स्वाम्याज्ञप्तं कार्यं / 3 मूषकः। ಅನನಜನಕನಕನನ್ನ ನಟಿ For Private and Personal Use Only