________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir BAMagerezwenkwerpeguerqueAD // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 11 // नहिदुष्कृतकर्ताहिनरःप्राप्नोतिशोभनं // 14 // ततोनिवारयामासवायुस्तेषांवचस्तदा // लोकानांसमवेतानांमतंज्ञात्वासवेधसः // 15 // निवार्यलोकान्मार्तंडिंशनैरुत्थापयन्मरुत् // भुजाभ्यांशालपीनाभ्यांलोकसूत्रउदारधीः // 16 // विह्वलंतंप्रलपंतमासनेसंन्यवेशयत्॥आसनस्थमुवाचेदंव्योमसूनूरवेः / सुतं // 17 // केनत्वमभिभूतोऽसिकेनस्थानान्निवारितः॥केनायंमार्जितोदेवपटो हा लोकपतेस्तव // 18 // ब्रहिसर्वमशेषेणकशकेतोःसुताग्रतः॥ यःप्रभुस्तातस-5 शर्वेषांसतेकर्ताममापिच॥१९॥अपहरिष्यतिमार्तडेदुःखंत्दृदयसंस्थितं // सएवमुक्तःश्वसेननसत्यमादित्यसूनुर्वचनंबभाषे॥विलोक्यवक्त्रंकुशकेतुसूनोःसग 1 शालो वृक्षः सइव पीवरौ ताभ्यां / 2 हे यम / 3 वायना। Downाहन्नानालामाल मानाबानान्माला For Private and Personal Use Only