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रसराज महोदधि । यंत्र ३२
इस यंत्र को वालुकायंत्र कहते हैं इस यंत्र में ऐसा करे कि लोहेकी कराही लेकर उसमें बालू भरके वालूके बीचमें सीसीरखके मधुरी आंचदे जितना रसका परिमाण होय तितना आँच कोईभी रस होय.
यंत्र ३३
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यह गौरीयंत्र है कोई रस होय तो इसी यंत्र में सिद्ध कर लेय.
यंत्र ३४.
इसको चक्रयंत्र कहते हैं इस यंत्र में पारा सिद्ध होताहै बीचके घरमें पारा बाहरके घरमें उपरी इस विधि से भट्ठी लगावे.
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