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रसराज महोदधि । यंत्र ३५
इस यंत्र को जल यंत्र कहतें हैं अब तेजाब उतरनेकी विधि लिखते हैं फिटकरी पावभर नौसादर पावभर चौकिया सोहागा पावभर कलमीसोरा पावभर नीलाथोथा पावभर आंवरासार गंधक पावभर सबको एकमें मिलायके खल करै तब नीचेकी हंडीकी पेंदीमें
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मिट्टी धेरै और मिट्टी के ऊपर गिलास रक्खै और बड़ा अंदर दवाई रक्खे और दूसरे घड़ामें पानी भरके दवा वाले घड़ाके ऊपर रक्खै मधुरी आंच दे जब ऊपरके घड़ाका पानी गर्म होजाय तो सँभारके तेजाब निकालले अब इसका गुण लिखते हैं बरबट वायगोला तापतिही कछुई जाकूट पिलही उदररोग सब दूर होय खुराक ९ मासे ६ तोले पानी डालके पीवै.
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यंत्र ३६
लंबा एक
इस यंत्र कोगजपुट बोलते हैं एक गज गज चौड़ा एक गज गहिरा इसके बीच में दवाईका कपड़मिट रक्खै उसके चारों तरफ बीना हुआ कंडा