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(९८) रसराम महोदधि। ये सब दवा कूट कपडछान करके मंजन करैतोदांत की पीडा,कीडों का पड़ना तथा हिलना मिटै और दांत मजबूत होय. कभी न हिलें दांतके सब रोग दूर होय
तथा. कालेदाँतोंको सफेद करताहै, पीली हरडोंका छिलका दोतोला ग्यारह मासा कालीमिर्च चौदह मासा अनारका चूरण दश मासा तेजपात सात मासा माजूफल जलाया हुआ दो तोला चार मासा सब दवा कूट कपड़छान कर मंजन करै तौ मुँह दांत पीड़ा इत्यादिक सब दूर होय.
अथ श्वास रोगका वर्णन जिन वस्तुओंके खानेसे हुचकी होतीहैं उनहीं पदाथाके खानेसे श्वास पैदा होताहै वह श्वास ५ प्रकार काहै महाश्वास १ ऊई श्वास २ छिन्न श्वास ३ तमक श्वास ४ क्षुद्र श्वास ५ .. ___ अथ श्वास रोगकी पहिचान.
हिया कनपटी दूखै, शूल होय, अफरा होय, मल मूत्र नहीं उतरै और न मुखमें रसको स्वाद आवै तब जानिये श्वासरोग होगा इस रोगकी शांतिके वास्ते ३ चांद्रायणबत कार ब्राह्मणोंको भोजन जिमावै और विष्णुसहस्र नामका पाठ कराय ब्राह्मणों की भ
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