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रसराज महोदपि। (९७)
दाँतकी दूसरी दवा. बालछड एक मासे. अकरकरा छः मासे. सेंधा नमक छ मासे तूतियाकी भस्म एक मासे सुपारी जराई हुई छ मासे तुलसीको पाती एक तोला, रूमीमस्तंगी एक तोला. कस्तूरी एक मासा. नागरमोथा एक मासा. जराई हुई तमाखू एक तोला.जराया हुआ बादाम एक तोला. कालीमिर्च छःमासा ये सब दवा कूट कपडछान करके मंजन करै तौ दांतके सब रोग पीड़ा इत्यादिक दूर होय.
तथा. जराई हुई सुपारी एक तोला, पीली हरैकी छाल एक तोला. इन्द्रायनका मगज एक तोला, गुलाबके फूल एकतोला, गुलनार तीन मासा ये सब दवा कूट कपडछान करके मंजन करै तो दांतके सबरोग दूर होय. दांतकी पीडा तथा दातोंका हिलना दांतमें कीडा पडजाना इत्यादिक ये सब रोग दूर होय.
तथा. खट्टे अनारके छिलके ग्यारह मासा दो तोला, शुद्ध फिटकरी दो तोला चार मासा, अकरकरा सात मासा गुलाबके फूलसातमासा, माजूफल सात मासा
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