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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संग्रह, भाग-3, बम्बई, 1957, पृ. 79, 108; परमानन्द जैन शास्त्री, "मध्य भारत का जैनपुरातत्व", अनेकान्त, वर्ष 19, अंक 1-2, पृ. 57. 3. द्रष्टव्य, जान मार्शल, मोहनजोदड़ो एण्ड दि इण्डस सिविलिजेशन, खण्ड-1, लन्दन, 1931, ___फलक 12, चित्र, 13, 14, 18, 19, 22 पृ. 45 फलक 10. 4. आर.पी. चन्दा, "सिन्ध फाइव थाऊजण्ड इयर्स एगो" माडर्न रिव्यू, सं. 52, अंक. 2, अगस्त 1932, पृ. 151-160; टी.एन. रामचन्द्रन, "हड़प्पा एण्ड जैनिज्म (हिन्दी अनुवाद)", अनेकान्त, वर्ष 14, जनवरी, 1957, पृ. 157-161, यू.पी. शाह, स्टडीज इन जैन आर्ट, वाराणसी, 1956, पृ 3-4. 5. द्रष्टव्य के.पी. जायसवाल, 'जैन इमेजेज ऑव मौर्य पीरियड', जर्नल ऑफ बिहार उड़ीसा रिसर्च सोसायटी, खण्ड 23, भाग 1, 1937, पृ. 130-32; ए. बनर्जी एवं शास्त्री "मौर्यन स्कल्पचर्स फ्राम लोहानीपुर, पटना", र्जनल ऑफ बिहार-उड़ीसा रिसर्च सोसायटी, खण्ड 26, भाग 2, 1940, पृ. 120-24 6. के.पी. जायसवाल, पूर्व निर्दिष्ट, पृ. 131 7. द्रष्टव्य आर.के. मुखर्जी, चन्द्रगुप्त मौर्य ऐन्ड हिज टाइम्स, दिल्ली, 1966, पृ. 39-41 8. आर.के. मुखर्जी, अशोक, दिल्ली , 1974, पृ. 54-55 9. परिशिष्टपर्व, 9.54; रोमिला, थापर, अशोक एण्ड दि डिक्लाइन ऑव दि मौर्यज, आक्सफोर्ड, 1963, पृ. 187 10. डी.सी. सरकार, सेलेक्ट इन्स्क्रिप्शन्स, खण्ड 1, कोलकाता, 1965 पृ. 213-21 11. यू.पी. शाह, “ऐन अर्ली ब्रोन्ज इमेज ऑव पार्श्वनाथ इन दि प्रिंस ऑव वेल्स म्यूजियम, मुम्बई", बुलेटिन प्रिंस ऑव वेल्स म्यूजियम, वेस्टर्न इडिया, अंक 3, 1952-53, पृ. 6365; ए.के. प्रसाद, "जैन ब्रोन्जेज इन दि पटना म्यूजियम", महावीर जैन विद्यालय गोल्डेन जुबिली वाल्यूम, मुम्बई, 1968, पृ. 275-80 12. आर.सी. शर्मा, "प्रि कनिष्क बुद्धिस्ट आइकानोग्राफी एट मथुरा", आर्किअलॉजिकल कांग्रेस ___ एण्ड सेमिनार पेपर्स, नागपुर 1972, पृ. 193-94 13. श्रीवत्स, धर्मचक्र, स्वस्तिक, मत्स्ययुगल, त्रिरत्न। 14. जी. व्यूरर, "स्पेसिमेन्स ऑव जैन स्कल्पचर्स फ्राम मथुरा", एपिग्राफिया इण्डिका, खण्ड 1, कोलकाता, 1894, पृ. 314-18 15. पउमचरिय, 3-122, 26 16. आर.सी. अग्रवाल, "न्यूली डिस्कवर्ड स्कल्पचर्म फ्राम विदिशा," जर्नल ऑफ ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, खण्ड 18, अंक 3 मार्च, 1969, पृ. 252-53 17. हरिवंशपुराण, 29.1-5 (सं. पन्नालाल जैन, ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला, संस्कृत ग्रन्थांक 27, वाराणसी, 1962, पृ. 3781 18. हरिवंशपुराण, 29.9-10 19. 63 शलाकापुरुषों की सूची में 24 जिनों के अतिरिक्त 12 चक्रवर्ती, 9 बलदेव, 9 वासुदेव और 9 प्रतिवासुदेव सम्मिलित हैं। 20. एपिग्राफिया इण्डिका, खण्ड 2, कोलकाता, 1894, पृ. 202-203, 210 21. द्रष्टव्य, यू.पी. शाह, स्टडीज इन जैन आर्ट, वाराणसी, 1955, पृ. 94-95; सुधीन डे, "चौमुखी ए सिम्बालिक जैन आर्ट", जैन जर्नल, खण्ड 6, अंक 1, जुलाई 1971, पृ. 27; बी.एन. मूर्तिकला :: 701 For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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