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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassaqarsuri Gyanmandir 119PIT स उत्तराध्य- साधु चारित्र्य तो विशेष रूपे पाळवा लाग्या पण हुं ब्राह्मण होवाथी उत्तम जाति छ आवो मद धारण करता. पण आम भावन |भाषांतर यनसुत्रम् करवू नहि, कां छे के-गुणैरत्तमतां याति न तु जाति प्रभावतः ।। क्षीरोदधि समुत्पन्नः कालकूटः किमुत्तमः? ॥ गुणोबडे उत्तमता IBEअध्य०१२ पामे छे कंइ जातिप्रभावथी नहि. क्षीरसागरमाथी उत्पन्न थयेल कालकूट विष शुं उत्तम गणाशे?. किंच-कौशेयं कृमिजं सुवर्ण ॥६५७॥ ॥६५७|| मुपलाद् दुर्वापि गोरोमतः पंकात्तामरसं शशांक उदधेरिंदीवरं गोमयात् ।। काष्ठादग्निरहेः फणादपि मणिर्गोपित्ततो रोचना जाता लोकमहार्गतां निजगुणैः प्राप्ताश्च किं जन्मना? ॥२॥ रेशम कीडामांथी, सुवर्ण पाषाणमांधी, दुर्वा गायोना रुंबाडामांथी, पद्म काद| वमांथी, चंद्र समुद्रमांथी, इंदीवर छाणमांथी, अग्नि काष्ठमांथी, मणि सर्पफणामांथी, रोचना गायना पित्तमाथी उत्पन्न थयेल छे छतां पोताना गुणोने लीधे लोकमां महोटा मूल्यने पाम्यां छे तो पछी जन्मथी शुं यवानुं इतुं?. २ आवी परमार्थभावना न राखतो Je ते जातिना मदथी गर्वित बनेलो सोमदेव केटलोक काळ संयम पाळीने काळक्रमे मरण पामी देव थयो. त्यां दीर्घकाळ पर्यंत वांछित सुखोने भोगवी तदनंतर त्यांथी च्युत थइ गंगातीरे हरिकेशना अधिप बलकोष्ठ नामना चांडालनी भार्या गौरीना उदरथी | उत्पन्न थयो. ए गौरीए स्वप्नमां जेनापर पुष्कळ फळ आवेलां छे एवो आम्रवृक्ष स्वप्नमां दीठो तेथी तेणीये स्वप्नपाठकोनी पांसे | | जइ स्वप्ननी वात करी त्यारे तेओए कडं के-तारो पुत्र आ जगत्मा प्रधान पुरुष थशे. प्रसव समय आवतां बाळक जनम्यो, जातिमदना कारणथी एनी चांडाळ कुळमां उत्पत्ति थइ. ते बाळक सौभाग्यरूप हीन होवाने लीधे बांधवोनो पण हास्यापात्र बन्यो, | तेनुं 'बळ' एq नाम लोकमां प्रसिद्ध थयु, आ बालक उमर वधतां सर्वने क्लेश आपनार होवाथी सर्वने उद्वेग करनार बन्यो. अन्यदा वसंतोत्सवे प्राप्ते चांडालकुटुंबानि विविधखाद्यपानकरणाय पुराइ बहिमिलितानि संति, स बलनामा For Private and Personal Use Only
SR No.020856
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLakshmivallabh Gani
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1936
Total Pages291
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size17 MB
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