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नु०प० धीगइपए का कामनोगने अप्रतिहेरागें के. कसे सं सम्यक्प्रकारे त तिवारपनि
त० सनेविषे| | अन्५ | करे विषे , करी सने पर अंगीकारकरे जे से ने अज्ञानीमनुष्य । पंगतइ ।। कामलोगा एगुराएपं ॥ केसं संपनिवधई॥॥ तन सेदंडेसमारला । तस्सेसु थार थावरनेविषे अन् पोताने अ अ अन लू० जीवना समूहने वि० विसेष हि हिंसानाकरएाहार मुसंधाबादनो मामाया
"हणे. ८ अज्ञानी बोलाहार बील ७ पिन थावरेसुय अबाएय अगाए ॥ लूयगामविहिंसई ॥ ॥ हिंसे बासे मुसावाइ माइवे पिा चामीते५ ल. नोगवतो सुन्मदिरामांसने से श्रेय लघु एएममदिरामांसनो का कायाए व बचने करीम विक धनने मॅगेच्य फतारो ६ थको
लोगवयो एम मांसने ए करी मदांधहोए विषे प्रवासी सुणे सट्टे लुंधमाणे सुरंमंसं ॥ सेयमेयंतिमन्नइ ॥॥ कायसा वयसा मन्ते वित्ते गिडे
उ. बीकुप्रकारे रागद्वेष तथा मिप्यान सिअलसिले जेमबीमकारे माटीनो संचयकरे तानिवारपी
अधिरान सं. कर्मनो संचयकरे षाए अनेसरीरे घरमे १५ पीम्योरोगेकरी .. यशवसु इहनुमस संचिगाई सिसनागोवमहियं ॥१०॥ त पुछो आयंकेएण
स्त्रीनविणे
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