________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
उत्तरा
॥१२९४ ॥
www.kobatirth.org
(२ - गाथा - ४६ ) चउरंग ( ३ - गाथा - २० ) । संख्या ( ४ - गाथा - १३) काममरण ( ५ - गाथा - ३२) खुड्डागं ( ६ - गाथा - १८ ) ॥ एलिज ( ७ - गाथा - ३० ) काविलिजं ( ८--गाथा - २० ) । नमिपवज्जा य ( ९ - गाथा - ६२ ) दुमपत्तं ( १० - गाथा - ३७ ) || १ || बहुसुयपुज ( ११ - गाथा - ३२ ) हरिएस ( १२ - गाथा -४७ ) | चित्तसंभूययं च ( १३ – गाथा - ५३ ) इसुयारं ( १४ – गाथा - ५३ ) ॥ सभिक्खु (१५ - गाथा - १६ ) बंभचेरं च ( १६ - गाथा - १७) पाउसमणिज ( १७-गाथा - २१ ) संजई ( १८ - गाथा - ५४ ) ॥ २ ॥ मियापुत्त ( १९ - गाथा - ९९ ) महनियंठिय ( २० - गाथा - ६० ) । समुद्दपालियज ( २१ - गाथा - २४ ) तहय रहनेमि ( २२ - गाथा - ९१ ) । केलोगोयम ( २३ - गाथा -- ८९ ) समिइयं ( २४ - गाथा - २७ ) । जइन्नइजं च ( २५- गाथा - ४३ ) तह समाचारी ( २६ - गाथा - ५२ ) ॥ ३ ॥ सखलुंक ( २७ - गाथा - १४) मुक्खमग्गं ( २८ - गाथा - ३६ ) । सम्मत्तपरक्रमं च ( २९ - गाथा - ७३ ) तवमग्गं ( ३० - गाथा - ३७ ) | चरणविहि ( ३१ - गाथा - २१ ) पमायठाणं ३२- गाथा - ११ ) । तह कम्मपयडि ( ३३ - गाथा - २५ ) लेसाणं ( ३४ - गाथा -- ६१ ) ॥ ४ ॥ अण
For Private And Personal Use Only
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सटीक
॥१२९४ ॥