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तुलसी शब्द-कोश
कालदंड : यमराज का दंड=जरा, व्याधि, मरण ।' मा० ७.१०६.१३ कालदूत : यमदूत । जरा, रोग आदि । मा० ६.७८ छं० कालनाथ : काल-भैरव । कवि० ७.१७१ ।। कालनिसा : (दे० निसा) (१) काली अँधेरी रात (२) यमराज की बहिन का
नाम (३) अमावस्या की रात (४) आयु के ७७वें वर्ष के सातवें मास की सातवीं रात जो मारक मानी गई है (५) प्रलय । 'कालनिसा सम निसि ससि
भानू ।' मा० ५.१५.२ कालनेमि : एक राक्षस का नाम । मा० ६.५६.२-३ कालराति : कालनिसा (सं० कालरात्रि) । 'कालराति निसिचर कुल केरी।' मा०
५.४०.८ कालरूप : मृत्यु रूप, मर्स मृत्यु, सर्वथा विनाशकारी। मा० ६.४८ ख कालसर्प : (१) काले सांप (२) मृत्यु रूपी सर्प । 'कालसर्प जन चले सपच्छा।'
मा० ६.६८.३ कालहि : काल को । 'कालहि मिथ्या दोष लगाइ।' मा० ७.४३ कालहु : काल भी। 'कालहु कर काला ।' मा० ५.३६.१ काला : काल । मा० १.६०.५ कालि : अव्यय (सं० कल्य, कल्लि)। कल, आगामी प्रातः । मा० २.११.४ कालिका : सं०स्त्री० (सं.)। दुर्गा, महामाया=दुर्गा का तामस रूप। मा०
१.४७.६ कालिमा : सं०स्त्री० (सं०पु०-प्रा० स्त्री०) । कालापन, स्याही, कलर क । गी.
२.६२.१ काली : (१) कालि । कल। 'सुने जे मुनि सँग आए काली।' मा० १.२६६.४
(२) कालिका (३) काले रंग वाली। 'लंकाँ कोलुप लंकिनी काली काल
कराल ।' रा०प्र० ५.२.३ । कालीना : वि० (सं० कालिक-कालीन ?) । समय वाला।' ग्यानी गुन-गृह बहु
कालीना।' मा० ७.६२.३ कालु, लू : काल+कए । (१) मृत्यु (२) समय । 'कालु सदा दुरतिक्रम भारी।'
मा० ७.६४.८ . काल्हि : कालि । कल, पिछले सबेरे । 'बालि दन्नि काल्हि जलजान पाषान किये।'
कवि० ६.१६ काव्य : सं०० (सं०) । कविकर्म जिसमें शब्द और अर्थ की संप.क्त रचना रहती
है। विन० २८.५ काशी : सं०स्त्री० (सं०) । वाराणसी तीर्थ । मा० ६ श्लोक २